Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Aug 2024 · 3 min read

उम्मीद

उम्मीद जिसे हम आस , आशा, ख़्वाहिश, अपेक्षा, भरोसा आदि जैसे असंख्य नामों से जानते है, यक़ीनन उम्मीद वह खूबसूरत एहसास है जो हमारी ज़िंदगी में खुशियों के रंग ही नहीं भरती बल्कि हमारी कामयाबी के कठिन और दुश्वार रास्तों को भी आसान बनाती है, उम्मीद है तो सब कुछ मुमकिन है उम्मीद के बिना ज़िंदगी में जैसे कुछ भी नहीं, उम्मीद हमें जीने का हौंसला देती है या यूँ कहें कि उम्मीद के बगैर हम ज़िंदगी का तसव्वुर भी नहीं कर सकते उम्मीद के बिना जिंदगी में कुछ भी नहीं, एक उम्मीद ही होती है जो नामुमकिन को भी मुमकिन करने का जज़्बा हमारे अंदर पैदा कर देती है हमारे हौसलों को पंख ही नहीं देती बल्कि हमें उड़ना भी सिखा देती है और इसी उम्मीद के भरोसे हम हर नामुमकिन काम को भी मुमकिन कर दिखाते हैं, कहते भी है कि उम्मीद पर दुनिया क़ायम है, तो ये हक़ीक़त है ,उम्मीद के दम पर हम दुनिया को जीत सकते हैं वहीं इसके न होने पर हम दुनिया को , तो कभी अपनी ज़िंदगी को भी हार जाते हैं ।
इसलिए हमें कोशिश करनी चाहिए कि हम कभी अपनी उम्मीद को खत्म न होने दे और इसमें कोई दो राय नहीं है कि हम अपनी उम्मीद के उजाले से अपनी नाउम्मीदी और मायूसी के अंधेरो को दूर कर सकते है और अपनी ज़िंदगी को खुशियों से भर सकते है ।
यह उम्मीद ही हो तो होती है जो अभी हम खुद से करते है तो कभी दूसरों से रखते हैं , दूसरों से उमीद रखना अक्सर हमें मायूस कर देता है हमारी ज़िंदगी को खुशहाल बनाने में उम्मीद अहम किरदार निभाती है , हम जब कभी अपनी उम्मीद खोते हैं तो अंदर से टूट जाते हैं और जब कोई हमारा अपना हमारी उम्मीद तोड़ता है तो एक बे’यकीनी हमारे दिल में घर कर जाती है और हमारा यकीन ऐसा टूटता है कि हम चाह कर भी न किसी से कोई उम्मीद नहीं रख पाते हैं और न कभी किसी पर यकीन कर पाते हैं , बहुत से कमज़ोर दिल के लोग तो उम्मीद टूट जाने पर अपनी ज़िंदगी तक को हार जाते हैं इसलिए हम सभी की कोशिश होनी चाहिए कि उम्मीद हमेशा अपने रब और खुद से रखनी चाहिए ,बेशक एक हमारा रब ही तो है जो हमें कभी भी नाउम्मीद नहीं करता ,बहरहाल उम्मीदें ज़्यादा नहीं मुख़्तसर रखें , दूसरों से उम्मीद रखने से पहले देख लें कि जिससे आप उम्मीद रख रहें हैं वो आपकी उम्मीदों पर खरा उतरने के क़ाबिल हैं भी या नहीं, बेकार में बे’एतबार लोगों से उम्मीद रखना बेवकूफ़ी के सिवा कुछ भी नहीं,उम्मीद के टूटने का दर्द कितना तकलीफ़ देता है ये वही महसूस कर सकता है जिसकी उम्मीद टूटी होती है किसी की उम्मीद हमसे कभी न टूटे यह कोशिश हम सभी को पूरे दिल से करनी चाहिए,माना की ज़िंदगी में हमें वो सब हासिल नहीं होता जिसकी उम्मीद हमें शिद्दत से होती है लेकिन ये ज़िंदगी है यहां कोई मुकम्मल नहीं, हमें उम्मीद होती है लेकिन हर उम्मीद हमारी पूरी हो या कोई दूसरा हमारी उम्मीद पर खरा उतरे ये ज़रूरी तो नहीं , लेकिन जब तक सांस चले उम्मीद का दामन कभी न छोड़े ,एक दिन सब ठीक हो जाएगा यह लफ़्ज़ अंधेरे में चमकती एक उम्मीद की रोशनी ही तो है जो हमें ज़िंदगी में हौसलें के साथ हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है और वैसे भी हम उम्मीद के उजाले से ही नाउम्मीदी के अंधेरो को कामयाबी के साथ मिटा सकते हैं, याद रखें दूसरों से उम्मीदें वाबस्ता रखना महज़ अपनी खुशी के लिए गलत है ऐसी बे’वजह की उम्मीदें हमारे दुःख की वजह बनती हैं इसलिए इससे हमेशा दूर रहें बहरहाल टूटती हैं उम्मीदें लेकिन फिर भी टूटी उम्मीद में एक उम्मीद की रोशनी हमारी नाउम्मीदी के अंधेरो को दूर कर देती है या एक तरह से कहें तो उम्मीद हमारे ज़िंदा होने की पहली शर्त है और हमारी ज़िंदगी का सबसे बड़ा सहारा इसलिए अपनी उम्मीद को कभी भी किसी भी क़ीमत पर ख़त्म न होने दें ।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद

Language: Hindi
Tag: लेख
2 Likes · 79 Views
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all

You may also like these posts

ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ये उम्र भर का मुसाफ़त है, दिल बड़ा रखना,
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
निःस्वार्थ रूप से पोषित करने वाली हर शक्ति, मांशक्ति स्वरूपा
Sanjay ' शून्य'
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
राम संस्कार हैं, राम संस्कृति हैं, राम सदाचार की प्रतिमूर्ति हैं...
Anand Kumar
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
यूंही नहीं बनता जीवन में कोई
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
*मूलत: आध्यात्मिक व्यक्तित्व श्री जितेंद्र कमल आनंद जी*
Ravi Prakash
सब अनहद है
सब अनहद है
Satish Srijan
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
ना चाहते हुए भी रोज,वहाँ जाना पड़ता है,
Suraj kushwaha
एक दिन
एक दिन
हिमांशु Kulshrestha
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
*प्रेम की रेल कभी भी रुकती नहीं*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
2728.*पूर्णिका*
2728.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
तुम न समझ पाओगे .....
तुम न समझ पाओगे .....
sushil sarna
कल चमन, गुलजार होगा.....
कल चमन, गुलजार होगा.....
TAMANNA BILASPURI
" प्रेम का अर्थ "
Dr. Kishan tandon kranti
विरह्नि प्रियतमा
विरह्नि प्रियतमा
pradeep nagarwal24
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
थोड़ा सा थक जाता हूं अब मैं,
पूर्वार्थ
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
मैथिली का प्रभाव असम बंगाल और उड़ीसा विद्यापति और ब्रजबुलि
श्रीहर्ष आचार्य
संवेदना
संवेदना
Harminder Kaur
मन मसोस कर रोना तो जिंदगी ने ही सीखा दिया है
मन मसोस कर रोना तो जिंदगी ने ही सीखा दिया है
Chaahat
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
निंदिया रोज़ मुझसे मिलने आती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
कर सकता नहीं ईश्वर भी, माँ की ममता से समता।
डॉ.सीमा अग्रवाल
International Camel Year
International Camel Year
Tushar Jagawat
ग़ौर से ख़ुद को देख लो तुम भी ।
ग़ौर से ख़ुद को देख लो तुम भी ।
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
रूह का छुना
रूह का छुना
Monika Yadav (Rachina)
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जैसे आँखों को
जैसे आँखों को
Shweta Soni
हिन्द वीर
हिन्द वीर
।।"प्रकाश" पंकज।।
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
''बिल्ली के जबड़े से छिछडे छीनना भी कोई कम पराक्रम की बात नही
*प्रणय*
Loading...