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25 May 2024 · 1 min read

बुंदेली दोहा -खिलकट (आधे पागल)

बुंदेली दोहा-खिलकट(आधा पागल)

1

‘राना’ खिलकट जब बिदै,
जौर लैव निज हाथ।।
चरबदयाऔ बौ करै ,
सबइ चाँट लै माथ।।
***
2

खिलकट को बैठत नँईं ,
कौनउँ करवट ऊँट।
#राना कड़बै बोल कौ,
पियत रात सब घूँट।।
***

3
बर्रइया कौ बाप है ,
खिलकट लौ पैचान।
‘राना’कभऊँ ना बीदियौ,
खुरद उरज के आन।।
***
✍️ राजीव नामदेव”राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

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