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11 Aug 2024 · 1 min read

सैनिक की पत्नी की मल्हार

सावन की मल्हारें गायें , या मोर पपीहा गाँव बुलाये
चूनर अपनी लहरा देना, मैं समझूंगा बादल आये

जब बरसेगी बरखा रानी, याद आयेगी मेरी जवानी
तुम काजल से लिख देना, अपनी ही कोई कहानी
झम झम झम झम बदरा बरसे,बूंदे तन में आग लगाये

माटी का एक कर्ज है हम पर, मैं तो फ़िदा हूँ धरती माँ पर
तू इक फौजी की पत्नी है, कैसे भारी हो विरह देश पर
तू घन को फिर समझा देना, कैसे फौजी घर को आये

मैं सजनी तेरी दुआ ये करती, सदा सुहाग हवाले करती
सीमा चौकी रहे सलामत, सुबह साँझ ये वन्दन करती
पिया हमारे ध्वज लहराएँ , सावन तो फिर मुड़ के आये

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 129 Views
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