Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
10 Aug 2024 · 1 min read

कश्मीर

श्वेत धवल गिरि अचल कनक रश्मि का कंबल
पिघल रहा आलिंगन में निर्झर कल कल छल छल
बहर में बहती गाती झेलम पूछ रही कुशल मंगल
पन्नों की मोहताज नही ज़हन में उतरे ये ग़ज़ल

पलक पांवड़े बिछा रही सुर्ख़ चिनार की पत्तियाँ
स्वर्ग बसता है जहां बुला रही वो वादियाँ

सब्ज़ क़ालीन पर नाच रही कच्ची अल्हड़ धूप
सुस्ता रही तरु फुनगियों पर शाम ढले ढलता रूप
डल पर बिछ गई सुनहली चादरें छटा अनूप
टिमटिमाते डोलते शिकारे हैं जुगनू स्वरूप

अडिग खड़ी अगुवाई में देवदार की पंक्तियाँ
स्वर्ग बसता है जहां बुला रही वो वादियाँ

झुरमुट से झांकते सेबों के लाल कपोल
बादाम के बागीचे में झूले कठोर खोल
अखरोट की लकड़ियाँ चौखट से रही बोल
ट्यूलिप की नटखट टोली हँस हँस करे कलोल

हवा को सुरभित कर रही केसर की क्यारियाँ
स्वर्ग बसता है जहां बुला रही वो वादियाँ

पश्मीने की नर्मी सी ज़मीन की ज़ुबान
चुस्कियाँ कहवा की संतूर की तान
घुल रहे घाटी में आरती और अज़ान
कुदरत देखो हो रही कश्मीर पर क़ुर्बान

सूफ़ी संत सुना रहे कितने क़िस्से कहानियाँ
स्वर्ग बसता है जहां बुला रही वो वादियां

ये अवर्णनीय लावण्य ये अतुलनीय सुंदरता
ये गीता संग क़ुरान का सहोदर सा अटूट रिश्ता
फिर फूलों की फसल में उदासी कौन है भरता
स्वर्ग के टुकड़े को है टुकड़े टुकड़े कौन करता

आग लगे इन दंगों को आबाद रहे ये घाटियाँ
स्वर्ग बसता है जहां बुला रही वो वादियां

रेखांकन।रेखा

Language: Hindi
1 Like · 243 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

राह बनाएं काट पहाड़
राह बनाएं काट पहाड़
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
एक ख़ास हैं।
एक ख़ास हैं।
Sonit Parjapati
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
लोग कहते हैं मैं कड़वी जबान रखता हूँ
VINOD CHAUHAN
मंजिल अधूरी रह जाती हैं,
मंजिल अधूरी रह जाती हैं,
Sakshi Singh
#कामयाबी
#कामयाबी
Radheshyam Khatik
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
सनातन की रक्षा
सनातन की रक्षा
Mahesh Ojha
प्रीतम के ख़ूबसूरत दोहे
प्रीतम के ख़ूबसूरत दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
कभी सोचा था...
कभी सोचा था...
Manisha Wandhare
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
शुभ शुभ हो दीपावली, दुख हों सबसे दूर
Dr Archana Gupta
शाम सुहानी तब लगे, जब साथी हो साथ ।
शाम सुहानी तब लगे, जब साथी हो साथ ।
sushil sarna
शरद ऋतु
शरद ऋतु
अवध किशोर 'अवधू'
जवान और किसान
जवान और किसान
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
*विषमता*
*विषमता*
Pallavi Mishra
👌कही/अनकही👌
👌कही/अनकही👌
*प्रणय प्रभात*
3244.*पूर्णिका*
3244.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
परोपकार
परोपकार
Roopali Sharma
*मरने का हर मन में डर है (हिंदी गजल)*
*मरने का हर मन में डर है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
आम नहीं, खास हूँ मैं- Dedicated to all women
आम नहीं, खास हूँ मैं- Dedicated to all women
Ami
"तुम और ख्वाब"
Lohit Tamta
मैथिली
मैथिली
श्रीहर्ष आचार्य
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
गुमाँ हैं हमको हम बंदर से इंसाँ बन चुके हैं पर
Johnny Ahmed 'क़ैस'
खालीपन – क्या करूँ ?
खालीपन – क्या करूँ ?
DR ARUN KUMAR SHASTRI
चुनौतियाँ
चुनौतियाँ
dr rajmati Surana
"प्यार"
Dr. Kishan tandon kranti
अनाथों सी खूंँटियांँ
अनाथों सी खूंँटियांँ
Akash Agam
पहली बार बदला था..
पहली बार बदला था..
Vishal Prajapati
नवसंवत्सर पर दोहे
नवसंवत्सर पर दोहे
sushil sharma
जाके हॄदय में राम बसे
जाके हॄदय में राम बसे
Kavita Chouhan
Loading...