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4 Aug 2024 · 1 min read

रुक -रुक कर रुख पर गिरी,

रुक -रुक कर रुख पर गिरी,
सावन की बरसात ।
छुप-छुप कर करती रही,
नजर जिस्म से बात ।।
सुशील सरना / 4-8-24

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