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27 Sep 2024 · 1 min read

श्रध्दा हो तुम ...

आँखें मुँद कर खुद को ,
समर्पित करू वो विश्वास हो तुम ,
अंतरंग की गहराईयो को छुके ,
अनगिनत एहसासों के बादल ,
मोरपंख की तरह रूह छुँ जाये वो
वो श्रद्धा हो तुम …

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