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4 Aug 2024 · 1 min read

” हरेली “

” हरेली ”
आगे अब तो तिहार हरेली,
बबा खाप दे मोर बर गेंड़ी।
गेंड़ी चघ के मेहा पारा बुलहुँ,
संगी जउँरिहा सो रेस खेलहूँ।
जीत हौं कोरी- कोरी नरियर,
हो जाही मोर मन ह हरियर।

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