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19 Sep 2024 · 1 min read

कागज़ की आज़ादी

कागज़ की आज़ादी मिलती है
ले लो दो-दो आने में
इससे सस्ता कुछ न मिलेगा
आज के ज़माने में…
(१)
जो कुछ हुआ हमारे देश में
बंटवारे के दौरान
अभी तो लगेंगी कई सदियां
हमको उसे भुलाने में…
(२)
हमने इतनी लाठियां खाईं
हम इतने दिन क़ैद रहे
सभी अपनी कुर्बानियों को
लगे हुए थे भुनाने में…
(३)
अब क्या पक्ष और क्या विपक्ष
सबने लूटा अवाम को
हाय,घिस जाती हैं अंगुलियां
साजिशों को गिनाने में…
#geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#parodysong #नागार्जुन #cry
#Pakistan #PartitionOfIndia
#CommunalViolence #India
#partition #CommunalRiots
#यह_आज़ादी_झूठी_है #स्वतंत्रता

1 Like · 1 Comment · 241 Views
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