Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Aug 2024 · 1 min read

“वाह रे जमाना”

“वाह रे जमाना”
दिमाग जो कहता है
जुबान से वही निकलता है,
लेकिन
जमाने वालों का क्या कहिए
जुबां फिसल गई कहकर
सिर्फ जीभ को बदनाम करते हैं।

2 Likes · 2 Comments · 77 Views
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

घर
घर
Ranjeet kumar patre
पैगाम डॉ अंबेडकर का
पैगाम डॉ अंबेडकर का
Buddha Prakash
माता कौशल्या
माता कौशल्या
Sudhir srivastava
*महान आध्यात्मिक विभूति मौलाना यूसुफ इस्लाही से दो मुलाकातें*
*महान आध्यात्मिक विभूति मौलाना यूसुफ इस्लाही से दो मुलाकातें*
Ravi Prakash
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
महफिलों का दौर चलने दो हर पल
VINOD CHAUHAN
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
मेरा किरदार शहद और नीम दोनों के जैसा है
Rekha khichi
सीखा रहा उड़ना मुझे, जिस गति से सैयाद ।.
सीखा रहा उड़ना मुझे, जिस गति से सैयाद ।.
RAMESH SHARMA
उम्र ढली  तो ही जाना, महत्व  जोबन का।
उम्र ढली तो ही जाना, महत्व जोबन का।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
पढ़ें चुटकुले मंचों पर नित
पढ़ें चुटकुले मंचों पर नित
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
15)”शिक्षक”
15)”शिक्षक”
Sapna Arora
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
ज़माने वाले जिसे शतरंज की चाल कहते हैं
Mahesh Tiwari 'Ayan'
ओझल मनुआ मोय
ओझल मनुआ मोय
श्रीहर्ष आचार्य
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
रही प्रतीक्षारत यशोधरा
Shweta Soni
3629.💐 *पूर्णिका* 💐
3629.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
केशव
केशव
Shashi Mahajan
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
खेतवे में कटे दुपहरिया (चइता)
आकाश महेशपुरी
वक्त की हम पर अगर सीधी नज़र होगी नहीं
वक्त की हम पर अगर सीधी नज़र होगी नहीं
Dr Archana Gupta
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
ग़ज़ल _ सर को झुका के देख ।
Neelofar Khan
शीर्षक -मातृभूमि के लाल
शीर्षक -मातृभूमि के लाल
Sushma Singh
"अकेलापन"
Dr. Kishan tandon kranti
शीर्षक - सोच और उम्र
शीर्षक - सोच और उम्र
Neeraj Agarwal
सुनो...
सुनो...
हिमांशु Kulshrestha
प्यार है ही नही ज़माने में
प्यार है ही नही ज़माने में
SHAMA PARVEEN
"ज्यादा हो गया"
ओसमणी साहू 'ओश'
गिल्ट
गिल्ट
पूर्वार्थ
ए दिल्ली शहर तेरी फिजा होती है क्यूँ
ए दिल्ली शहर तेरी फिजा होती है क्यूँ
shabina. Naaz
प्रारब्ध भोगना है,
प्रारब्ध भोगना है,
Sanjay ' शून्य'
घोसी                      क्या कह  रहा है
घोसी क्या कह रहा है
Rajan Singh
याद हो बस तुझे
याद हो बस तुझे
Dr fauzia Naseem shad
Loading...