Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 Jul 2024 · 1 min read

ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,

ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
बस संघर्षों में पूरी ज़िंदगी गुज़ारनी है

करवटें बदलता रहा, वक्त किसी मोड़ पे,
वक्त वक्त की बात है ये वक्त की ज़ुबानी है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

158 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

" क्यूँ "
Dr. Kishan tandon kranti
मृदुल प्रवाह
मृदुल प्रवाह
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
*दृष्टिकोण*
*दृष्टिकोण*
Pallavi Mishra
आत्मपरिचय
आत्मपरिचय
Rahul Pareek
एक बार फिर से कहो
एक बार फिर से कहो
Surinder blackpen
यमराज का हुड़दंग
यमराज का हुड़दंग
Sudhir srivastava
3032.*पूर्णिका*
3032.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
माया और ब़ंम्ह
माया और ब़ंम्ह
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
*नंगा चालीसा* #रमेशराज
कवि रमेशराज
क़ुर्बान ज़िंदगी
क़ुर्बान ज़िंदगी
Shyam Sundar Subramanian
त्रिपदा
त्रिपदा
Rambali Mishra
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
हमारे तुम्हारे चाहत में, बस यही फर्क है।
Anand Kumar
वृक्ष होते पक्षियों के घर
वृक्ष होते पक्षियों के घर
Indu Nandal
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
तुम्हें पास अपने बुलाने का मन है
अरशद रसूल बदायूंनी
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
जब स्वयं के तन पर घाव ना हो, दर्द समझ नहीं आएगा।
Manisha Manjari
*दिल का दर्द*
*दिल का दर्द*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
👌आभार👌
👌आभार👌
*प्रणय प्रभात*
पैसा अगर पास हो तो
पैसा अगर पास हो तो
शेखर सिंह
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
*न्याय-देवता के आसन पर, बैठा जो यदि अन्यायी है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
सांसों की इस सेज पर, सपनों की हर रात।
Suryakant Dwivedi
रे ! मेरे मन-मीत !!
रे ! मेरे मन-मीत !!
Ramswaroop Dinkar
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
इन हसीन वादियों में _ गुजर गए कितने ही साल ।
Rajesh vyas
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
आज की तरह तुम ना मिलो दोस्त में कोई भीखारी नहीं हूं ?
Iamalpu9492
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
लिखना
लिखना
Shweta Soni
जीवन में हर एक व्यक्ति किसी न किसी पर विश्वास करके ही ज़िन्द
जीवन में हर एक व्यक्ति किसी न किसी पर विश्वास करके ही ज़िन्द
ललकार भारद्वाज
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
आ बढ़ चलें मंजिल की ओर....!
VEDANTA PATEL
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
मफ़उलु फ़ाइलातुन मफ़उलु फ़ाइलातुन 221 2122 221 2122
Neelam Sharma
आओ गुणगान देश का गाएं
आओ गुणगान देश का गाएं
Pratibha Pandey
आदतें
आदतें
Sanjay ' शून्य'
Loading...