“अग्निपथ आर्मी के अग्निवीर सिपाही ”
मुझे भी लगा था कभी, मर्ज ऐ इश्क़,
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
"हमारे बच्चों के भविष्य खतरे में हैं ll
रूड़ौ म्हारो गांव धुम्बड़ियौ🌹
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मुग़ल काल में सनातन संस्कृति,मिटाने का प्रयास हुआ
मन से उतरे लोग दाग धब्बों की तरह होते हैं
*आ गया मौसम वसंती, फागुनी मधुमास है (गीत)*
ग़ज़ल- हूॅं अगर मैं रूह तो पैकर तुम्हीं हो...
शीर्षक -पिता दिये की बाती हैं!
असफलता का घोर अन्धकार,
Yogi Yogendra Sharma : Motivational Speaker
उदास आंखों का नूर ( पिता की तलाश में प्रतीक्षा रत पुत्री )