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18 Jul 2024 · 1 min read

**दुल्हन नई नवेली है**

**दुल्हन नई नवेली है**
*******************

रहती सदा अकेली है।
कोई नहीं सहेली है।

जो सूझती नहीं अक्सर,
क्यों बन गई पहेली है।

मुरझा गई कली जब से,
औझल सुमन चमेली है।

उजड़ गया चमन सारा,
खाली सूनी हवेली है।

दो पल जो ठहर जाए,
बनती नहीं धरेली है।

दो प्यार वार मनसीरत,
दुल्हन नई नवेली है।
******************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

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