Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
28 May 2024 · 1 min read

Hope in my Heart

The separation of your love is very painful,
There is excitement and hope in my heart.

With each breath, the pain of parting returns,
Waiting for a new rain on the path of peace.

Silence has engulfed me after you left,
The voice of every sorrow goes unnoticed.

Memories of you are always on the roads of life,
Every path, every shrine holds your picture.

The accusation of destruction lies in the depths of the air,
Your essence is the image of my soul.

The nights of separation keep tormenting me,
Eagerness in my heart, tears remain silent.

The desire to meet is alive in my heart,
But the life here is to stay away from you.

✍️✍️✍️
©️ Dr. Shashank Sharma “Raees”
Bilaspur, Chhattisgarh

Language: English
Tag: Love Life, Poem
77 Views

You may also like these posts

दुआ करें
दुआ करें
Shekhar Chandra Mitra
"अवसाद का रंग"
Dr. Kishan tandon kranti
आशा
आशा
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
मृत्यु मेरी दोस्त
मृत्यु मेरी दोस्त
Sudhir srivastava
3527.*पूर्णिका*
3527.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
*फल कभी-कभी मिलता तुरंत, तो कभी समय लग जाता है (राधेश्यामी छ
Ravi Prakash
मन नही है और वक्त भी नही है
मन नही है और वक्त भी नही है
पूर्वार्थ
निजर न आवै बीर
निजर न आवै बीर
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
वीरान जाने
वीरान जाने
Kunal Kanth
सावन
सावन
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
दिल का यह क़यास है शायद ।
दिल का यह क़यास है शायद ।
Dr fauzia Naseem shad
विवश मन
विवश मन
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
जिंदगी
जिंदगी
उमेश बैरवा
पकोड़े नालों की गेस से तलने की क्या जरूरत…? ये काम तो इन दिनो
पकोड़े नालों की गेस से तलने की क्या जरूरत…? ये काम तो इन दिनो
*प्रणय*
ना देखा कोई मुहूर्त,
ना देखा कोई मुहूर्त,
आचार्य वृन्दान्त
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
*जिंदगी* की रेस में जो लोग *.....*
Vishal Prajapati
दिल का बुरा नहीं हूँ मैं...
दिल का बुरा नहीं हूँ मैं...
Aditya Prakash
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
मैं तुम्हें लिखता रहूंगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
कहते हैं तुम्हें ही जीने का सलीका नहीं है,
manjula chauhan
आनंदित जीवन
आनंदित जीवन
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
साथी है अब वेदना,
साथी है अब वेदना,
sushil sarna
बचपन की यादें
बचपन की यादें
Neeraj Agarwal
मन मेरा क्यों उदास है.....!
मन मेरा क्यों उदास है.....!
VEDANTA PATEL
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
బాలాత్రిపురసుందరి దేవి
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
थोड़ा और
थोड़ा और
Varun Singh Gautam
नववर्ष अभिनंदन
नववर्ष अभिनंदन
Neha
ध्यान करने परमपिता का
ध्यान करने परमपिता का
Chitra Bisht
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
बुंदेली दोहा- छला (अंगूठी)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
तन से अपने वसन घटाकर
तन से अपने वसन घटाकर
Suryakant Dwivedi
Loading...