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12 Jul 2024 · 1 min read

रिश्तों को आते नहीं,

रिश्तों को आते नहीं,
अब रिश्ते ही रास ।
रिश्तों के रेशे घिसे ,
शेष रहा संत्रास ।।

सुशील सरना / 12-7-24

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