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9 Jul 2024 · 1 min read

रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।

हज़ल😆😆😆

212/212/212/212
रूठी साली तो उनको मनाना पड़ा।
उसको ले जा के गोवा घुमाना पड़ा।

हो न जाए वो नाराज़ अब बेवज़ह,
मामला बीवी से ये छुपाना पड़ा।

करते स्वीमिॅंग न डर जाए वो पूल में,
साथ उसके उन्हें भी नहाना पड़ा।

धर्म पत्नी थी उनकी वो भी खुश रहे,
साथ उसके भी हरिद्वार जाना पड़ा।

इक जगह मय व साकी सुराही रही,
इक जगह गंगाजल भी चढ़ाना पड़ा।

ये नहीं है मेरी दास्तां दोस्तों,
जिनकी है नाम उनका छुपाना पड़ा।

मैं हूॅं प्रेमी वही तो मेरा प्यार है,
उसके कदमों में सर भी झुकाना पड़ा।

………✍️ सत्य कुमार प्रेमी

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