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5 Dec 2024 · 1 min read

किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।

किरदार भी बदले है नात रिश्तेदार भी बदले है।
संस्कार भी बदले है, सत्ता आसीन सरकार भी बदले है।
जब बुरा वक्त आता है तो अपने ही लोग और परिवार बदले है।
ये खेल है जेब में खनखनाते हुए रुपए का।
जब रहती है तिजोरी में चमक।
तो अच्छे अच्छे लोग भी झुकते हैं।
RJ Anand Prajapati

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