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22 Jun 2024 · 1 min read

पल में सब कुछ खो गया

पल में सब कुछ खो गया
********************

क्या से क्या है हो गया,
पल में सब कुछ खो गया।

छोटी सी गलती हुई,
मन का मौजी वो गया।

ढूंढा हम ने हर जगह,
नैनों से औझल हो गया।

उन से था चमका चमन,
भाग्य दिनकर सो गया।

जिस से था नाता अहम,
वो गम के दानें बो गया।

नभ मे हैँ तारें बहुत,
मेघों सा चंद्र हो गया।

मनसीरत पथ पर खड़ा,
हमराही नभचर हो गया।
********************
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैंथल)

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