Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 Jun 2024 · 1 min read

रूपान्तरण

पूरे गाँव का शुभचिन्तक था- रजत। जैसा बन पड़ता, वह परिस्थिति के अनुसार सबकी मदद करता था। किसी को दुःख की घड़ी में सहायता करना, गरीबों को अपनी गाड़ी से अस्पताल पहुँचाना, समय-समय पर निःस्वार्थ भाव से जरूरतमन्द लोगों को आर्थिक मदद देना, इत्यादि।

एक दिन उनके गॉंव में एक गुरुघण्टाल टाइप महात्मा आया। उसने रजत को एक मंत्र दिया- ‘ना कर चिन्ता जमाने की, सिर्फ करो चिन्ता अपने पैर जमाने की।’

तब से रजत शुभचिन्तक से नेता बन गया है।

डॉ. किशन टण्डन क्रान्ति
साहित्य वाचस्पति
लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त
हरफनमौला साहित्य लेखक।

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 149 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Kishan tandon kranti
View all

You may also like these posts

✒️कलम की अभिलाषा✒️
✒️कलम की अभिलाषा✒️
सुरेश अजगल्ले 'इन्द्र '
3512.🌷 *पूर्णिका* 🌷
3512.🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
मुझसे मेरी पहचान न छीनों...
इंजी. संजय श्रीवास्तव
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
अब मुझे यूं ही चलते जाना है: गज़ल
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
चुनावी मौसम
चुनावी मौसम
गुमनाम 'बाबा'
तिल में जैसे मीठी मीठी
तिल में जैसे मीठी मीठी
Mamta Rani
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
कहा हों मोहन, तुम दिखते नहीं हों !
The_dk_poetry
पिता
पिता
Nutan Das
“Pictures. Always take pictures of people you love. Take pic
“Pictures. Always take pictures of people you love. Take pic
पूर्वार्थ
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
लिखा नहीं था नसीब में, अपना मिलन
gurudeenverma198
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
🙏*गुरु चरणों की धूल*🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
देर तक शाख़ पर नहीं ठहरे
देर तक शाख़ पर नहीं ठहरे
Shweta Soni
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
*** नर्मदा : माँ तेरी तट पर.....!!! ***
VEDANTA PATEL
" नज़र "
Dr. Kishan tandon kranti
उम्र भर इस प्रेम में मैं बस तुम्हारा स्वप्न पाऊंँ
उम्र भर इस प्रेम में मैं बस तुम्हारा स्वप्न पाऊंँ
दीपक झा रुद्रा
*हास्य-व्यंग्य*
*हास्य-व्यंग्य*
*प्रणय प्रभात*
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बढ़े चलो
बढ़े चलो
Sneha Singh
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
ये दिल न जाने क्या चाहता है...
parvez khan
उम्मीद का टूट जाना
उम्मीद का टूट जाना
हिमांशु Kulshrestha
जून की कड़ी दुपहरी
जून की कड़ी दुपहरी
Awadhesh Singh
करती रही बातें
करती रही बातें
sushil sarna
जिन्दगी की किताब में
जिन्दगी की किताब में
Minal Aggarwal
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
अपने दीपक आप बनो, अब करो उजाला।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
डरते हो क्या तुम भी मुझे खोने से?
डरते हो क्या तुम भी मुझे खोने से?
Jyoti Roshni
मेरी माँ कहती हैं..
मेरी माँ कहती हैं..
Swara Kumari arya
गुमशुदा लोग
गुमशुदा लोग
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
संजीवनी
संजीवनी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
वक्त
वक्त
krupa Kadam
Loading...