Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

मैं तेरी हो गयी

जिसने इतने दुःख झेले हैं ,
इतना गम गहरा है,
जिसकी बंसी छूट गई ,
जिसकी राधा जी दूर हो गईं,
द्वारिका भी डूब गयी,
और सारे अपने रूठ गए,
फ़िर भी वो मुस्कुराते हैं,
लोगो का साथ निभाते हैं,
जिनसे पूरा जग जोड़ा है,
हम उनसे जुड़े हैं,
राधे कृष्णा जब भी साथ होते हैं,
तो हम उन्हें में खोये होते हैं,
एक गाना है,
जो सबको सुनना है,
जब भी सब टूटता दिखे,
कोई दूर जाता दिखे ,
तो सुन लेना,
‘कृष्णा जी आए बचाए मुझे,
ओ माया भी माया दिखाए मुझे,
काहे का दर्र है कृष्णा के होते,
फिर चाहे लोग जलाए मुझे,
तन पर वास्तर ना खाने को रोटी,
ना चाँदी ना सोना ना हीरे ना मोती,
कोई माने या ना माने मैं तो यह मानु,
के कृष्णा ना होते ये दुनियाँ ना होती’|
जोड़ी हो तो राधा कृष्ण जैसी हो,
कितनी भी बीवी हो,
लेकिन प्यार एक से ही हो,
राधा जी से सीखो प्यार करना,
एक की ही थी और एक की ही रही
पूरी जिंदगी इतज़ार में रही,
लेकिन हमेशा राधा कृष्ण की ही राही|

4 Likes · 357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Adha Deshwal
View all

You may also like these posts

पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पढ़े लिखें परिंदे कैद हैं, माचिस से मकान में।
पूर्वार्थ
हर घर में जब जले दियाली ।
हर घर में जब जले दियाली ।
Buddha Prakash
श्मशान
श्मशान
श्रीहर्ष आचार्य
वो बहुत दिनों बाद .
वो बहुत दिनों बाद .
Abasaheb Sarjerao Mhaske
Still I Rise!
Still I Rise!
R. H. SRIDEVI
सु
सु
*प्रणय प्रभात*
एक तुम ही थे हमारे
एक तुम ही थे हमारे
दीपक झा रुद्रा
प्यार-मोहब्बत के पीछे भागोगे तो ये दूर चला जाएगा।
प्यार-मोहब्बत के पीछे भागोगे तो ये दूर चला जाएगा।
Ajit Kumar "Karn"
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
3744.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
*लोकनागरी लिपि के प्रयोगकर्ता श्री सुरेश राम भाई*
Ravi Prakash
पिता का ऋण गीत
पिता का ऋण गीत
Manoj Shrivastava
यू-टर्न
यू-टर्न
Shreedhar
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
डर अंधेरों से नही अपने बुरे कर्मों से पैदा होता है।
Rj Anand Prajapati
सड़कों पर पत्थर तोड़कर
सड़कों पर पत्थर तोड़कर
Acharya Shilak Ram
नया   ये   वर्ष   देखो   सुर्खियों  में   छा  गया  है फिर
नया ये वर्ष देखो सुर्खियों में छा गया है फिर
Dr Archana Gupta
रमेशराज के 2 मुक्तक
रमेशराज के 2 मुक्तक
कवि रमेशराज
पढ़ रहा हूँ
पढ़ रहा हूँ
इशरत हिदायत ख़ान
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
लोग शोर करते रहे और मैं निस्तब्ध बस सांस लेता रहा,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
" बेदर्द "
Dr. Kishan tandon kranti
दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर ।
दिल टूटा तो हो गया, दिल ही दिल से दूर ।
sushil sarna
यक्षिणी- 26
यक्षिणी- 26
Dr MusafiR BaithA
Me Time
Me Time
MEENU SHARMA
विवशता
विवशता
आशा शैली
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
आज का युद्ध, ख़ुद के ही विरुद्ध है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
त्रिभंगी छंद
त्रिभंगी छंद
Subhash Singhai
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
बहुत पढ़ी थी जिंदगी में
VINOD CHAUHAN
ठंड
ठंड
Ranjeet kumar patre
भूल
भूल
Khajan Singh Nain
रक्त एक जैसा
रक्त एक जैसा
Dinesh Kumar Gangwar
कुर्सी
कुर्सी
Rambali Mishra
Loading...