सुनो पहाड़ की.....!!! (भाग - ५)
क्यों मुझको तुमसे इतना प्यार हो गया
!! यह तो सर गद्दारी है !!
■ त्रिवेणी धाम : हरि और हर का मिलन स्थल
मन मेरा क्यों उदास है.....!
स्वाधीनता के घाम से।
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
देते हैं अपने यहां, अपनों को वनवास।
എന്നിലെ എന്നെ നീ നിന്നിലെ ഞാനാക്കി മാറ്റിയ നിനെയാനാണെനിക് എന
प्रेम और घृणा से ऊपर उठने के लिए जागृत दिशा होना अनिवार्य है
भारत में गरीबी का यह आलम है कि एक गरीब आदमी अपना सही ढंग से
किरत कुंवरा आपरी , इळ मांहे अखियात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हम अपने जन्मदिन ,सालगिरह और शुभ अवसर का प्रदर्शन कर देते हैं
मानव जीवन की एक-एक स्वास् बहुत कीमती है अच्छे इंसानों का निर
याद दिल में जब जब तेरी आईं
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
यूं फिसले है आदमी, ज्यों मुट्ठी से रेत
मेरी अभिलाषा है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
तेरी तसवीर को दिल में बसा रखा है
हार से भी जीत जाना सीख ले।