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26 May 2024 · 1 min read

खंभों के बीच आदमी

मैंने देखा है
दो खंभे है
उन दो खंभों के बीच की
दूरी नापता हुआ आदमी
वह हर रोज़ एक खंभे से चलता है
दूसरे तक पहुंचता है
कभी कभी वह सोचता है क्या
यही है जिंदगी है
परंतु उसे यह भय सताता रहता है
कि एक तीसरा खंभा भी है
जो कि उसकी मंजिल है
तीसरे खंभे को पाने के लिए
वह क ई प्रकार के प्रयास करता है
वह उससे हमेशा डरता है
दो खंभे की दूरी तय करने से
उसे मिलता है धन
जिससे वह घर, परिवार, समाज और
देश बनाता है
परंतु तीसरे खंभे तक
आखिरकार पहुंच ही जाता है
और अब तक उसने
जो कुछ भी बनाया, बचाया
वह सब उसका नहीं रहा

Language: Hindi
68 Views

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