निगाहों का पैमाना

हर चीज़ को समझना
समझदारी नहीं होती,
निगाहों का पैमाना
वफादारी नहीं होती,
जो लोग जला करते है हमसे
उन्हें कोई समझाओ
बुझी हुई आग में
चिंगारी नहीं होती।
—- Anuj Yadav
हर चीज़ को समझना
समझदारी नहीं होती,
निगाहों का पैमाना
वफादारी नहीं होती,
जो लोग जला करते है हमसे
उन्हें कोई समझाओ
बुझी हुई आग में
चिंगारी नहीं होती।
—- Anuj Yadav