जय हो माँ भारती
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मुझे पता है तुम सुधर रहे हो।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
समंदर चाहते है किनारा कौन बनता है,
इशारों इशारों में मेरा दिल चुरा लेते हो
बिहार के रूपेश को मिलेगा "विश्व भूषण सम्मान- 2024"
मुझको आँखों में बसाने वाले
मिटे क्लेश,संताप दहन हो ,लगे खुशियों का अंबार।
*सर हरिसिंह गौर की जयंती के उपलक्ष्य में*
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
यदि कोई केवल जरूरत पड़ने पर
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
खांचे में बंट गए हैं अपराधी