Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

*कुपोषण से जंग*

कुपोषण से जंग

स्वस्थ बच्चे हैं देश की पहचान,
हर परिवार की हैं जान,
भाभी पीढ़ी सशक्त सुपोषित रहे,
तभी तो बनेगा देश महान।

कुपोषण कलंक है समाज का,
यही काला सत्य है आज का,
इस बीमारी को जड़ से मिटाना है,
लें संकल्प, स्वस्थ समाज बनाना है।

कुपोषण एक महामारी है,
जिससे जंग हमारी जारी है,
घर-घर पोषण पहुंचना है,
तभी तो जीत हमारी है।

हर कोख में बच्चा स्वस्थ रहे,
हर मां को संतुलित आहार मिले,
स्वस्थ शिशु को जन्म देकर,
मां को खुशियां अपार मिलें।

टेढ़े पैर, दुबले हाथ, चेहरा बेरंग,
ऐसे बच्चों को देंगे पोषण का रंग,
पीली दाल, हरी सब्जी, लाल फल और दूध,
इन्हीं रंगों से होगा कुपोषण दूर।।

आभा पाण्डेय

76 Views

You may also like these posts

कवि परिचय
कवि परिचय
Rajesh Kumar Kaurav
भरा कहां कब ओस से किसका कभी गिलास
भरा कहां कब ओस से किसका कभी गिलास
RAMESH SHARMA
पहाड़ी दर्द
पहाड़ी दर्द
सोबन सिंह रावत
कौन हो तुम मेरे लिये
कौन हो तुम मेरे लिये "
पूर्वार्थ
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
चराग़ों ने इन हवाओं को क्या समझ रखा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
वादा
वादा
goutam shaw
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
आपका स्नेह पाया, शब्द ही कम पड़ गये।।
संजीव शुक्ल 'सचिन'
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
*जीवित हैं तो लाभ यही है, प्रभु के गुण हम गाऍंगे (हिंदी गजल)
Ravi Prakash
कर्मों का बहीखाता
कर्मों का बहीखाता
Sudhir srivastava
श्रीराम स्तुति-वंदन
श्रीराम स्तुति-वंदन
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
हर बला से दूर रखता,
हर बला से दूर रखता,
Satish Srijan
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
ना जमीं रखता हूॅ॑ ना आसमान रखता हूॅ॑
VINOD CHAUHAN
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
जीवन में कितना ही धन -धन कर ले मनवा किंतु शौक़ पत्रिका में न
Neelam Sharma
"सोचो"
Dr. Kishan tandon kranti
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
देश से दौलत व शुहरत देश से हर शान है।
सत्य कुमार प्रेमी
दर्द की नदी जैसे बहते रहे हम,
दर्द की नदी जैसे बहते रहे हम,
रश्मि मृदुलिका
पहला प्यार
पहला प्यार
Shekhar Chandra Mitra
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
मातृभूमि पर तू अपना सर्वस्व वार दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
दोहा एकादश ...  राखी
दोहा एकादश ... राखी
sushil sarna
3268.*पूर्णिका*
3268.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
रिश्ते को इस तरह
रिश्ते को इस तरह
Chitra Bisht
काली एली अंगना
काली एली अंगना
उमा झा
दरख़्त पलाश का
दरख़्त पलाश का
Shakuntla Shaku
चाय
चाय
Ruchika Rai
ग़ज़ल
ग़ज़ल
प्रीतम श्रावस्तवी
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
चरित्र साफ शब्दों में कहें तो आपके मस्तिष्क में समाहित विचार
Rj Anand Prajapati
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
बहादुर बेटियाँ
बहादुर बेटियाँ
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
बेटियों  को  रोकिए  मत  बा-खुदा ,
बेटियों को रोकिए मत बा-खुदा ,
Neelofar Khan
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
कभी महफ़िल कभी तन्हा कभी खुशियाँ कभी गम।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
Loading...