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17 May 2024 · 1 min read

जमाने से विद लेकर....

आज के बाद मैं तुझे याद नहीं आऊँगा
जमाने से विद लेकर कही दूर चला जाऊंगा |

रुख बदलती हवों के संग तु भी बदल जाएगा
रिस्ता क्या तेरा मुझसे दूर जाकर भूल जाएगा |
जमाने से विद लेकर ……

मै हर उस जगह पे रहूँ जहां जिक्र आये तेरा
तू मेरी रूह बने साया बन सदा साथ रहूँगा |
जमाने से विद लेकर….

आज खुश है तू सही मुझे ठुकरा के सनम
रोएगी किसी तकलुफ़ में जब तुझे याद आऊँगा |
जमाने से विद लेकर….

कोशी कर ले मुझ से दूर जाने की
खोआबो में आ तुझको रुलाता रहूँगा |
जमाने से विद लेकर….

नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश

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