Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 May 2024 · 1 min read

*शिक्षक*

शिक्षक मेरे कितने अच्छे,
खुश रहते उनसे सब बच्चे।
इतनी पढ़ाई उतना प्यार,
शिक्षक ज्ञान के आधार।।
रखो हमेशा आदर भाव,
सीखो सहज नए-नए दाब।
शिक्षक माता-पिता समान,
न करना इनका अपमान।।
छल कपट न बेईमानी से,
न किसी को मनमानी से।
सहज सरल और आसानी से,
बचाते भविष्य की हानि से।।
ज्ञान के सागर ज्ञान अपार,
गुरु की महिमा अपरम्पार।
इनसे रखो सद्व्यवहार,
होओगे भवसागर से पार।।

1 Like · 118 Views
Books from Dushyant Kumar
View all

You may also like these posts

दहेज
दहेज
लक्ष्मी सिंह
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
रामचरितमानस दर्शन : एक पठनीय समीक्षात्मक पुस्तक
Ravi Prakash
​जिंदगी के गिलास का  पानी
​जिंदगी के गिलास का पानी
Atul "Krishn"
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
धरती सा धीरज रखो, सूरज जैसा तेज।
Suryakant Dwivedi
गीत
गीत
अवध किशोर 'अवधू'
एहसास ए तपिश क्या होती है
एहसास ए तपिश क्या होती है
Shweta Soni
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।
Phool gufran
विधा:
विधा:"चन्द्रकान्ता वर्णवृत्त" मापनी:212-212-2 22-112-122
rekha mohan
तारे
तारे
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
अटूट सत्य - आत्मा की व्यथा
Sumita Mundhra
राम दर्शन
राम दर्शन
Rajesh Kumar Kaurav
माँ की लाडो
माँ की लाडो
PRATIK JANGID
कविता
कविता
Nmita Sharma
धनुष वर्ण पिरामिड
धनुष वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
"इतिहास गवाह है"
Dr. Kishan tandon kranti
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
महसूस करो
महसूस करो
Dr fauzia Naseem shad
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ,  तो इस कविता के भावार
अगर मेरे अस्तित्व को कविता का नाम दूँ, तो इस कविता के भावार
Chaahat
फ़िरक़ापरस्ती!
फ़िरक़ापरस्ती!
Pradeep Shoree
*शब्द हैं समर्थ*
*शब्द हैं समर्थ*
ABHA PANDEY
हाँ, मैं नाराज़ हूँ,नही तुमसे नहीं, खुद से
हाँ, मैं नाराज़ हूँ,नही तुमसे नहीं, खुद से
पूर्वार्थ
ആരും കാത്തിരിക്കാ
ആരും കാത്തിരിക്കാ
Heera S
रावण अब भी जिंदा है
रावण अब भी जिंदा है
श्रीहर्ष आचार्य
दो गज असल जमीन
दो गज असल जमीन
RAMESH SHARMA
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप
Ravi Yadav
मौत की कहानी (ग़ज़ल)
मौत की कहानी (ग़ज़ल)
ओनिका सेतिया 'अनु '
वक्त की रेत
वक्त की रेत
Surinder blackpen
*डॉ अरुण कुमार शास्त्री*
*डॉ अरुण कुमार शास्त्री*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
शीर्षक -आँख क्यूँ नम है!
Sushma Singh
तुम बिन सूना मधुमास
तुम बिन सूना मधुमास
Sudhir srivastava
Loading...