Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
9 May 2024 · 1 min read

*धरती का वरदान*

जीवन में सभी उमंग,
फिर से छाने लगी,
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
याद आता है वो कल
जब लाया था एक बीज
प्रेम प्राण से मैंने उसको
दिया था जल से सींच
उस बीज में एक बार
अंकुरता छाने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
वर्षों के अथक प्रयास से
इस वसुधा के प्रभाव से मेहनत रंग लाने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
सभी पथिक, पशु और खग लेते हैं इसकी छाया
देख आम को पेड़ों पर
बच्चों का मन है ललचाया
इस सुखद जीवन को देख मन हर्षोने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी
आम के पेड़ों में
फिर से बौर आने लगी

शशांक मिश्रा

127 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
सत्य कुमार प्रेमी
*डॉ अरुण कुमार शास्त्री*
*डॉ अरुण कुमार शास्त्री*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
मेरा लोकतंत्र महान -समसामयिक लेख
Dr Mukesh 'Aseemit'
वक्त नहीं
वक्त नहीं
Vandna Thakur
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
सर्दी और चाय का रिश्ता है पुराना,
Shutisha Rajput
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
शीर्षक:-आप ही बदल गए।
Pratibha Pandey
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
अफसोस मुझको भी बदलना पड़ा जमाने के साथ
gurudeenverma198
* हरि भजले **
* हरि भजले **
Dr. P.C. Bisen
पल
पल
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
मुझे जीना सिखा कर ये जिंदगी
कृष्णकांत गुर्जर
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
यशोधरा के प्रश्न गौतम बुद्ध से
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
Learn to recognize a false alarm
Learn to recognize a false alarm
पूर्वार्थ
आजकल जिंदगी भी,
आजकल जिंदगी भी,
Umender kumar
कुछ परिंदें।
कुछ परिंदें।
Taj Mohammad
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
"परोपकार"
Dr. Kishan tandon kranti
मेंहदी
मेंहदी
Sudhir srivastava
जो मिला ही नहीं
जो मिला ही नहीं
Dr. Rajeev Jain
पत्नी
पत्नी
विशाल शुक्ल
कुंडलिया
कुंडलिया
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
बेल v/s लता
बेल v/s लता
Laxmi Narayan Gupta
बसंत पंचमी
बसंत पंचमी
Neeraj Kumar Agarwal
नूर –ऐ- चश्म ( अमर गायक स्व. मुहम्मद रफ़ी साहब के जन्म दिवस पर विशेष )
नूर –ऐ- चश्म ( अमर गायक स्व. मुहम्मद रफ़ी साहब के जन्म दिवस पर विशेष )
ओनिका सेतिया 'अनु '
मंजिल का रास्ता आएगा।
मंजिल का रास्ता आएगा।
Kuldeep mishra (KD)
मुमकिन नहीं.....
मुमकिन नहीं.....
पं अंजू पांडेय अश्रु
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
दोहा पंचक
दोहा पंचक
sushil sarna
कुछ नहीं बचेगा
कुछ नहीं बचेगा
Akash Agam
अक्सर ज़रूरतें हमें एक - दूसरे के पास लाती है।
अक्सर ज़रूरतें हमें एक - दूसरे के पास लाती है।
Ajit Kumar "Karn"
#लघुव्यंग्य-
#लघुव्यंग्य-
*प्रणय प्रभात*
Loading...