Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Feb 2024 · 2 min read

मेंहदी

आज के इस युग में भी मेहंदी का
प्रचलन कोई नया तो नहीं है,
बल्कि इसका प्रयोग बहुत पहले से हो रहा है।
मेंहदी का इतिहास बताता है
कि भारत में मेहंदी का आगमन
बारहवीं शताब्दी में मुग़ल सल्तनत के साथ हुआ,
मुग़ल रानियों को अपने हाथों में
मेंहदी सजाना बहुत पसंद था,
इसके औषधीय गुणों और
इसकी ठंडी तासीर से उनका परिचय था,
जिसकी देखा-देखी बहुत से हिंदू घरों में
हाथों में मेहंदी सजाना शुरू हो गया।
मेंहदी को शुभ, सौभाग्य और दाम्पत्य जोड़ों में
प्रेम प्यार का प्रतीक, और भाग्यशाली माना जाता है,
भारतीय वैवाहिक परंपरा में मेहंदी लगाने की रस्म का
अपना धार्मिक और सामाजिक महत्व है।
दुल्हन के अच्छे स्वास्थ्य‌ और समृद्धि के लिए
शादी की रात से पहले की रात
मेहंदी समारोह का आयोजन होता है
शादी के लिए इसे उसकी यात्रा का
शुभारंभ माना जाता है।
मेंहदी को शुभ भी माना जाता है
क्योंकि ये दुल्हन की खूबसूरती में
चार चांद लगाने जैसा होता है।
दुल्हन के हाथ पर मेहंदी का गहरा रंग
नवदम्पति के बीच गहरे प्यार को दर्शाता है,
मेहंदी का रंग जितना देर तक बरकरार रहता है, नये जोड़ों के लिए यह उतना ही शुभ माना जाता है,
यही नहीं मेहंदी का रंग दुल्हन और उसकी सास के
आपसी प्यार और समझ का पर्याय भी माना जाता है।
आजकल अपने देश में मेंहदी का उपयोग
बालों को रंगने में भी खूब होता है,
दक्षिण एशिया में मेंहदी का उपयोग
शरीर को सजाने के साधन के रूप में
हाथों, पैरों, बाजुओं आदि पर लगाकर होता है।
त्वचा संबंधी कुछ रोगों के लिए औषधि
मेहंदी को हिना भी कहा जाता है।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 249 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

दोस्ती
दोस्ती
Neeraj Kumar Agarwal
" बसर "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रिये
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
मौत बेख़ौफ़ कर चुकी है हमें
मौत बेख़ौफ़ कर चुकी है हमें
Dr fauzia Naseem shad
बस अपनी बात मनवाने आती है।
बस अपनी बात मनवाने आती है।
Iamalpu9492
जीवन यात्रा
जीवन यात्रा
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
दोहा सप्तक  . . . . मुखौटे
दोहा सप्तक . . . . मुखौटे
sushil sarna
..
..
*प्रणय प्रभात*
पहले पक्की कीजिए, दिल की हर दीवार
पहले पक्की कीजिए, दिल की हर दीवार
RAMESH SHARMA
मुक्तक
मुक्तक
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -194 के श्रेष्ठ दोहे (बिषय-चीपा)
बुन्देली दोहा प्रतियोगिता -194 के श्रेष्ठ दोहे (बिषय-चीपा)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पटाखे (बाल कविता)
पटाखे (बाल कविता)
Ravi Prakash
"तब तुम क्या करती"
Lohit Tamta
मित्र का प्यार
मित्र का प्यार
Rambali Mishra
अजीब सी बेचैनी हो रही थी, पता नही क्यों, शायद जैसा सोचा था व
अजीब सी बेचैनी हो रही थी, पता नही क्यों, शायद जैसा सोचा था व
पूर्वार्थ
” कुम्हार है हम “
” कुम्हार है हम “
ज्योति
जन्मदिन को खास बनाएं
जन्मदिन को खास बनाएं
Sudhir srivastava
नया मोड़
नया मोड़
Shashi Mahajan
गीत- किसी को भाव देना भी...
गीत- किसी को भाव देना भी...
आर.एस. 'प्रीतम'
यादों की किताब पर खिताब
यादों की किताब पर खिताब
Mahender Singh
মা মা বলে তোমায় ডেকে ( মনসা সঙ্গীত )
মা মা বলে তোমায় ডেকে ( মনসা সঙ্গীত )
Arghyadeep Chakraborty
टुकड़े हजार किए
टुकड़े हजार किए
Pratibha Pandey
Dard-e-madhushala
Dard-e-madhushala
Tushar Jagawat
3666.💐 *पूर्णिका* 💐
3666.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
लिखते रहिए ...
लिखते रहिए ...
Dheerja Sharma
2122 1122 1122 222
2122 1122 1122 222
sushil yadav
पथदृष्टा
पथदृष्टा
Vivek Pandey
जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
योग ब्याम ,ध्यान कर लिए करे
योग ब्याम ,ध्यान कर लिए करे
goutam shaw
Loading...