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6 May 2024 · 2 min read

रिश्ते बचाएं

पति पत्नी के पावन रिश्तों को समझें
रिश्ता जुड़ गया है तो इस बात को समझें
रिश्ते मन वचन और कर्म से निभाएं
अन्यथा रिश्ते न बनाएं
रिश्ता होने से पूर्व ही विचार करें
पति और पत्नी दोनों मिलकर रहें
याद रखें पति और पत्नी दोनों
शरीर से अलग होते हैं लेकिन
विचारों से उन्हें एक होना चाहिए
रिश्तों में पवित्रता होनी चाहिए
अगर गलतियां हुई हैं तो सुधारें
स्त्री और पुरुष दोनों ही इंसान हैं
दोनों एक दूसरे की भावनाओं को समझें
दोनों एक दूसरे के महत्व को जानें
कितना भी मन मुटाव हो
हर समस्या बातों से हल करें
जो भी निर्णय करें अच्छे से विचार कर ही करें
रिश्ते तोड़ देना आसान होता है
रिश्ते को बनाए रखना मुश्किल होता है
लेकिन प्रेम, विश्वास और समर्पण से
रिश्ते सालों साल तक नहीं अंत समय तक चलते हैं
ख़ुद को स्वीकारें, जो भी हैं जैसे भी हैं
आप कितने ही बड़े क्यो न हों लेकिन
प्यार पाने के लिए छोटा ही बने रहें
जहां बात रिश्तों की आए आप वहां झुकते नज़र आएं
अज्ञानी और मूर्ख बनें, बहुत कुछ अनदेखा करें
अगर आप दोनों एक साथ नहीं रह सकते हैं तो
शांतिपूर्वक अलग हो जाएं
महिलाओं के साथ कुछ मामलों में गलत होता है
आप वहां से अलग हो जाएं, लेकिन शांतिपूर्वक
रिश्ते तोड़ते समय बदले की भावना नहीं होनी चाहिए
अगर आपको लगे कि यही आखरी रास्ता है तो
लेकिन अगर रिश्ते सुधारने का एक अवसर है तो
समय रहते सुधार लें
पद, प्रतिष्ठा, मान सम्मान, अहंकार
घर में प्रवेश पूर्व ही जूतों की भांति उन्हें बाहर उतार दें
घर एक मंदिर है मंदिर के महत्व को समझें
जिन्हें आपसे दूर जाना ही है वो चले जाएंगे
आज़ नहीं तो कल जाएंगे जानें वालों को रोक नहीं सकते हैं
प्रेम विश्वास और समर्पण से रिश्तों को भर सकते हैं
एक निवेदन है सविनय आप सबसे मेरे सभी मित्रों से
अगर दूर जाना ही हो रिश्तों से
एक दूसरे को क्षमा करते हुए जाएं
कोर्ट कचहरी तक रिश्तों की चिता न जलाएं
क्षमा करें दोनों ही दोनों को माफ़ करें एक दूसरे को
विचारे साथ गुजारे अच्छे दिनों को उन अच्छी यादों को
भूल जाएं बुरे दिनों की बुरी यादों बुरी बातों को
ऐसा कोई समय नहीं जो रिश्ते सुधारने के अनुकूल नहीं
सुधरे और गलतियां सुधारें अपनी नादानियों को जानें पहचानें
रिश्तों को समय रहते बचाएं , थोड़ा सा प्रयत्न लगाएं
एक प्रयास ज़रूर करें भले ही प्रयास आख़री और असफल हो
बात न बनें तो शांतिपूर्वक अलग हो जाएं
या बात बन जाय तो पुनः मन, वचन और कर्म से एक हो जाएं
_ सोनम पुनीत दुबे

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