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4 May 2024 · 1 min read

यथार्थ से दूर का नाता

वह मुझसे घृणा रखते हुए
और, उसे जज्ब कर बाहरी तौर पर
प्यार का इजहार ऐसे करता है
जैसे कि मेरा मान भी उसने
अपनों में अटा रखा हो!
जैसे जातिमान पर रहता ही नहीं हो वह
कलुष बीच प्यार का पनपना सम्भव होता है
असंभव है मग़र प्यार में कलुष का पलना
कलुष और प्यार की
एक साथ चलने की प्रतीति का
यथार्थ से दूर का ही नाता होना चाहिए!

Language: Hindi
43 Views
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