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3 May 2024 · 1 min read

हिंदुत्व – जीवन का आधार

हिंदुत्व नहीं है धर्म कोई,
ये जीवन का आधार है।
नफरत करना सीखा नहीं,
हमने तो सीखा प्यार है।

हाथों की शोभा कलावा बढ़ाता,
माथे पे तिलक सवार है ।
सातों रंग है प्रिय हमारे,
भगवा से लेकिन प्यार है।

घर में मेरे तुलसी विराजे,
झंडे पे लिखा है श्रीराम है।
गौ माता की सेवा करूं मैं,
सबसे बड़ा यह काम है।

ग्रंथों में जीवन शैली लिखा है,
ज्ञान का ये भंडार है ।
विपदा कैसे हमको सताए,
संग मेरे गीता का सार है।

जन्म नहीं हम कर्म से बटते,
जाति प्रथा बेकार है ।
लाल खून है बहता सभी में,
मानवता का ये सार है ।

बैरी नहीं है कोई हमारा,
सकल विश्व परिवार है।
प्रेम से मांगो तन मन धन,
भी देना हमें स्वीकार है।

हिंदुत्व नहीं है धर्म कोई,
ये जीवन का आधार है।
नफरत करना सीखा नहीं,
हमने तो सीखा प्यार है।

लक्ष्मी वर्मा ‘प्रतीक्षा’
खरियार रोड, उड़ीसा।

Language: Hindi
1 Like · 139 Views
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