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2 May 2024 · 1 min read

दीया और बाती

तुझ से प्रीत क्या जोड़ी मैंने
सारी दुनिया भूल चुकी हूं ।
सुबह शाम की खबर नहीं
अब ध्यान में तेरे डूब चुकी हूं ।

आईने में भी तू दिखता है,
परछाई बन संग चलता है ।
तन्हाई भी भाती अब तो
साथ मेरे जो तू रहता है ।

दीया या बाती सा रिश्ता अपना
धूप छांव सा जीवन अपना ।
हर कदम पर साथ रहे हम
जनम जनम का नाता अपना।

लक्ष्मी वर्मा ‘ प्रतीक्षा’
खरियार रोड, ओड़िशा ।

Language: Hindi
116 Views

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