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31 May 2024 · 1 min read

पृथ्वी दिवस

दोहे.. पृथ्वी दिवस पर

१. साध संकल्प सिद्धि से,
निश्चय करें श्रीमान्
पृथ्वी का कम दोहन करें
जीवन होगा तबआसान||

२. प्लास्टिक कचरा नकरें
धरा को दें जीवन दान
वायु स्वच्छ हो जायेगी
जीना होगा आसान||

३. पर्यावरण है जीवन की
सबसे बड़ी सौगात ,
हानिकारक तत्व तजैं
बनै तब कोई बात||

४.प्रकृति है श्रींगार धरा का
सुंदरता इसकी बढ़ाईये,
लें संकल्प ,रोपें पौधा
तन मन को हर्षाईये||

५. इक दिन” पृथ्वी दिवस ” नहीं
यह अवसर रोज मनाईये
हरियाली को बढ़ाईके
वातावरण स्वच्छ बनाईये||

६. आनें वाली पीढ़ी की भलि
मिलकर सोचें आज
देखभाल संग लगा पेड़
सुंदर बनें समाज||

७. अत्याचार मनुज.पृथ्वी पर करें आज से बंद,
जीवनदायक रोप , संकल्प संग बनेगी तबहिं वृन्द||

८. मनुज ही ऐसा जीव हैजो निज हित ,करता अत्याचार,
काट रहा वह असंख्य वृक्ष
जोपृथ्वी में जीवन का
आधार||

९. जहर बना जो प्लास्टिक
तन में पहुंचे बारम्बार,
कचरे से लें मुक्ति हम
सुंदर हो संसार||

१०.पृथ्वी के संसाधनों की सुरक्षा हेतु लीजिये इक संकल्प,
“प्राकृतिक सम्पदा संरक्षण”
बचता बस यही विकल्प||

११. जंगल बाग बचाईये ,
होगा सब तब सुखान्त,
वरना कंकरीट के ही जंगल में प्राणों का होगा अन्त||

१२. प्राकृत प्रेमउतार जीवन में , मानवता मिसाल बने, अन्नउपजै अधिक खेतों में
किसान भी मालामाल बनै||

कुमुद श्रीवास्तव ( वर्मा)..

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