Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
21 Apr 2024 · 1 min read

संवेदना – अपनी ऑंखों से देखा है

जीवन का नव अनुभव मैंने,
अपनी ऑंखों से देखा है ।

तपती जेठ दुपहरी देखी,
पूष की रात घनेरी देखी ।
भादौ मेघ गर्जना देखी,
शरद्ध दीप्ति विखेरी देखी ।
उदय-अस्त होते नित रवि को,
अपनी ऑंखों से देखा है ।।

संकट के बादल भी देखे,
नयनों में काजल भी देखे।
हाथ खनकती चूड़ी देखीं ,
पैरों में पायल भी देखे ।
दुनिया की सब चकाचौंध को ,
अपनी ऑंखों से देखा है ।।

मानवता को मरते देखा ,
अगर सत्य को डरते देखा‌।
दौलत के आगे विवेक को,
झुककर वंदन करते देखा।
संवेदना – शून्य मानव को ,
अपनी ऑंखों से देखा है ।।

शब्द भी देखे चित्र भी देखे,
सुंदर भाव पवित्र भी देखे ।
कभी राह में कांटे बोते,
बंधु और कुछ मित्र भी देखे ।
मगर लिखा ना विधि का टलते,
अपनी ऑंखों से देखा है ।।

कभी प्रेम निर्मल भी देखा,
ऑंखों को निर्जल भी देखा ।
संकट में नित उस ईश्वर को,
पास खड़े हरपल भी देखा ।।
निशा बीत नित नवल प्रात को,
अपनी ऑंखों से देखा है ।।
हाॅं अपनी आंखों से देखा है।।

– नवीन जोशी ‘नवल’
बुराड़ी, दिल्ली

(स्वरचित एवं मौलिक)

5 Likes · 2 Comments · 262 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from डॉ नवीन जोशी 'नवल'
View all

You may also like these posts

प्यार ही ईश्वर है
प्यार ही ईश्वर है
Rambali Mishra
गद्य के संदर्भ में क्या छिपा है
गद्य के संदर्भ में क्या छिपा है
Shweta Soni
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
जिदंगी हर कदम एक नयी जंग है,
Sunil Maheshwari
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
*रंग-बिरंगी दुनिया फिल्मी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
माँ बाप खजाना जीवन का
माँ बाप खजाना जीवन का
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
हिन्दी पढ़ लो -'प्यासा'
Vijay kumar Pandey
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
आपका लक्ष्य निर्धारण ही ये इशारा करता है कि भविष्य में आपकी
Paras Nath Jha
हाँ, मैंने भी जमाना देखा है
हाँ, मैंने भी जमाना देखा है
gurudeenverma198
कुछ खास शौक नही है मुझे जीने का।
कुछ खास शौक नही है मुझे जीने का।
अश्विनी (विप्र)
माँ तुम ही हो
माँ तुम ही हो
Dr Archana Gupta
"सौगात"
Dr. Kishan tandon kranti
"नवांकुरो की पुकार "
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
..
..
*प्रणय प्रभात*
जीनो दो मुझे अपने वसूलों पर
जीनो दो मुझे अपने वसूलों पर
goutam shaw
दोहा पंचक. . . कागज
दोहा पंचक. . . कागज
sushil sarna
जन्मदिवस विशेष 🌼
जन्मदिवस विशेष 🌼
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
ये ऊँचे-ऊँचे पर्वत शिखरें,
Buddha Prakash
मां कृपा दृष्टि कर दे
मां कृपा दृष्टि कर दे
Seema gupta,Alwar
गणेश वंदना
गणेश वंदना
Sushil Pandey
सफलता का मुकाम
सफलता का मुकाम
Avani Yadav
सिलवटें
सिलवटें
Vivek Pandey
बिखरे सपने
बिखरे सपने
Kanchan Khanna
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
*आया संवत विक्रमी,आया नूतन वर्ष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
मर्यादाशील
मर्यादाशील
ललकार भारद्वाज
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
वक्त अपनी करवटें बदल रहा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अपना दु:ख कहना हो , तो भगवन् से कह देना।
अपना दु:ख कहना हो , तो भगवन् से कह देना।
Anamika Tiwari 'annpurna '
देवघर यानी वैद्यनाथजी
देवघर यानी वैद्यनाथजी
श्रीहर्ष आचार्य
कहने को तो सब कहते हैं हर चीज में सकारात्मकता ढूंढो, क्या यह
कहने को तो सब कहते हैं हर चीज में सकारात्मकता ढूंढो, क्या यह
पूर्वार्थ देव
टन टन बजेगी घंटी
टन टन बजेगी घंटी
SHAMA PARVEEN
हार ही
हार ही
हिमांशु Kulshrestha
Loading...