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5 Apr 2024 · 1 min read

“गौरतलब”

“गौरतलब”
गुजर जाते हैं खूबसूरत लम्हें
यूँ ही मुसाफिरों की तरह,
यादें वहीं खड़ी रह जाती हैं
रुके हुए रास्तों की तरह.

4 Likes · 4 Comments · 225 Views
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