O, gauraiya vapas aaja
विश्व गौरैया दिवस पर –
**ओ गौरैया वापस आ जा !!
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कोई कह दे दूर क्षितिज से
ओ गौरैया वापस आ आजा।
सूनी डाली और मुंडेर हैं
आकर अपना रूप दिखा जा।।
जिस मुंडेर पर बैठा करती
चूॅ चूॅ दिन भर करती रहती।
वह मुंडेर अब सूना लगता
ओ गौरेया वापस आ जा।।
दूर बहुत तूॅ जा बैठी है
पंख नहीं कैसे उड़ आऊं ?
कैसे तुमको पास बुलाऊं
ओ गौरैया वापस आ जा।।
जिस आंगन में चुगने आती
सबके मन को तूं थी भाती।
दादी देती नित तेरी उपमा
ओ गौरैया वापस आ जा।।
चना मटर के सुंदर दाने
अब भी बिखरे दालान में।
दूध भात से भरी कटोरी
ओ गौरैया वापस आ जा।।
कोई कह दे दूर क्षितिज से
ओ गौरैया वापस आ जा।।
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**©®मोहन पाण्डेय ‘भ्रमर ‘
दिनांक 20मार्च 2025
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