राह नहीं मंजिल नहीं बस अनजाना सफर है
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
कंपीटेटिव एग्जाम: ज्ञान का भूलभुलैया
जीवन में अहम और वहम इंसान की सफलता को चुनौतीपूर्ण बना देता ह
क्यूट हो सुंदर हो प्यारी सी लगती
आप और हम जीवन के सच... मांँ और पत्नी
भावों की पोटली है: पोटली......एहसासों की
In Love, Every Pain Dissolves
हम खुद में घूमते रहे बाहर न आ सके
*जन्म-दिवस आते रहें साल दर साल यूँ ही*
बायण बायण म्है करूं, बायण म्हारी मात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
सुन लो प्रिय अब किसी से प्यार न होगा।/लवकुश यादव "अजल"
।। नीव ।।
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
रफ़ता रफ़ता न मुझको सता ज़िन्दगी.!