ध्रुवदास जी के कुंडलिया छंद
इंसान इंसानियत को निगल गया है
इश्क तो कर लिया कर न पाया अटल
अटल मुरादाबादी(ओज व व्यंग्य )
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
ताउम्र रास्ते पे तो चलते रहे हम
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
आओ कष्ट मिटा देंगे सारे बाबा।
हिंदी के ज्ञानपीठ पुरस्कार (शार्ट ट्रिक)
मकर सक्रांति आई है, उल्लास उमंगें लाई है
💖नव वर्ष 2025 की हार्दिक शुभकामनाएं🌹एक संदेश🥰
सभी सिखला रहे थे जो सदा सद्धर्म नैतिकता।