Be happy with the little that you have, there are people wit
- तुम कर सकते थे पर तुमने ऐसा किया नही -
जिसे हम हद से ज्यादा चाहते है या अहमियत देते है वहीं हमें फा
मैं नारी हूं, स्पर्श जानती हूं मैं
रात भर नींद की तलब न रही हम दोनों को,
कोई भी मेरे दर्द का जायज़ा न ले सका ,
*आर्य समाज को 'अल्लाहरक्खा रहमतुल्लाह सोने वाला' का सर्वोपरि
अक्सर जब इंसान को पहली बार प्यार होता हैं तो सारी दुनियां सु
मेरी एक बात हमेशा याद रखना ,
संवेदनाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
*सोरठा छंद*
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
ग़ज़ल _ टूटा है चांद वही , फिर तन्हा - तन्हा !
माँ सरस्वती अन्तर्मन मन में..