Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Feb 2024 · 1 min read

3054.*पूर्णिका*

3054.*पूर्णिका*
🌷 बाधाओं से लड़ आगे बढ़ते हैं🌷
22 22 22 22 22
बाधाओं से लड़ आगे बढ़ते हैं ।
लक्ष्य साधे इतिहास यहाँ गढ़ते हैं ।।
आकर देखो मिलती मंजिल अपनी ।
जीवन की राम कहानी पढ़ते हैं ।।
करते रहते दुनिया तरक्की हरदम ।
काम न बनते दोष जहाँ मढ़ते हैं।।
काँटों के बीच गुलाब खिले यारों ।
चाहत से ही शिखरों पर चढ़ते हैं।।
दरिया की बात नहीं कहते खेदू।
ये साहिल साथी मिलकर कढ़ते हैं ।।
……….✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
29-02-2024गुरुवार

1 Like · 185 Views

You may also like these posts

प्रवासी चाँद
प्रवासी चाँद
Ramswaroop Dinkar
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
" वक्त "
Dr. Kishan tandon kranti
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
लहरों ने टूटी कश्ती को कमतर समझ लिया
अंसार एटवी
आग लगाना सीखिए ,
आग लगाना सीखिए ,
manisha
छूटना
छूटना
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
*आया अद्भुत चंद्रमा, शरद पूर्णिमा साथ【कुंडलिया】*
*आया अद्भुत चंद्रमा, शरद पूर्णिमा साथ【कुंडलिया】*
Ravi Prakash
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है ।
बसा के धड़कन में प्यार तेरा पलक भी सपने सजा रही है ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
मेरी फूट गई तकदीर
मेरी फूट गई तकदीर
Baldev Chauhan
चाहत
चाहत
dr rajmati Surana
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला
SHAMA PARVEEN
तू कौन है?
तू कौन है?
Sudhir srivastava
.........
.........
शेखर सिंह
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
ज़िंदगी जी तो लगा बहुत अच्छा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
- अपनो का दर्द सहते सहनशील हो गए हम -
bharat gehlot
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
महफिल में तनहा जले, खूब हुए बदनाम ।
sushil sarna
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
बज्जिका के पहिला कवि ताले राम
Udaya Narayan Singh
जीवन एक संघर्ष....
जीवन एक संघर्ष....
Shubham Pandey (S P)
प्रभु तुम ही याद हो
प्रभु तुम ही याद हो
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
मौहब्बत को ख़ाक समझकर ओढ़ने आयी है ।
Phool gufran
News
News
बुलंद न्यूज़ news
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
प्रेम और दोस्ती में अंतर न समझाया जाए....
Keshav kishor Kumar
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
लेखन-शब्द कहां पहुंचे तो कहां ठहरें,
manjula chauhan
..
..
*प्रणय*
*दिव्य आत्मा*
*दिव्य आत्मा*
Shashi kala vyas
3057.*पूर्णिका*
3057.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
अरे ! पिछे मुडकर मत देख
VINOD CHAUHAN
कमर तोड़ मेहनत करके भी,
कमर तोड़ मेहनत करके भी,
Acharya Shilak Ram
जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ
जिन्दा हूं जीने का शौक रखती हूँ
Ritu Asooja
Loading...