🥀*अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
सब्र रखो सच्च है क्या तुम जान जाओगे
तूं कैसे नज़र अंदाज़ कर देती हों दिखा कर जाना
“🌟 A habit missed once is a mistake. A habit missed twice is
गंगा सेवा के दस दिवस (द्वितीय दिवस)
ज़िंदगी है गीत इसको गुनगुनाना चाहिए
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरे भैया के लिए मेरे भाव सुमन
तन्हा जिंदगी अब जीया न जाती है
*मृत्यु एक जीवन का क्रम है, साधारण घटना है (मुक्तक)*
"हमने पाई है आजादी प्राणों की आहुति देकर"
है कौन जो इस दिल का मेज़बान हो चला,