Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Jun 2024 · 1 min read

गंगा सेवा के दस दिवस (द्वितीय दिवस)

गंगा- सेवा के दस दिन
दूसरा दिन- सोमवार 17 जून 2024
💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐💐
6.नदिया के तट पर यहां
तीरथ मन्दिर धाम।
कहीं यज्ञ तप दान हैं,
कहीं भक्ति निष्काम।।
कहीं भक्ति निष्काम,
कहीं शिव का आराधन।
कहीं ध्यान में मग्न
हो रहा है हरि चिंतन।।
कहीं गाय के संग
दान दी जाती बछिया।
परम् शांति का लाभ
करती गंगा नदिया।।

7.पावनता और स्वच्छता
रहती हर दम साथ।
गंगाजल हो स्वच्छ और,
श्रद्धानत हो माथ।
श्रद्धानत हो माथ,
शुद्धि हित आगे आयें।
नष्ट न हो अस्तित्व,
प्राण दे इसे बचाएं।।
गंगा की ,दुनिया भर में
है किससे समता?
रहे सदा अक्षुण्ण,
जाह्नवी की पावनता।।

8.भारत कण-कण मानता
गंगा का उपकार।
युगों-युगों से कर रहीं,
मानव का उद्धार।।
मानव का उद्धार,
धरा को अमृत पिलातीं।
पाप ताप कटु क्लेश,
बहा कर सब ले जातीं।।
देव नदी हैं गंग,
सभी का है यह अभिमत।
युगों-युगों माँ गंगा का,
आभारी भारत।।

9.माता सा धीरज रखे,
सहन करे चुपचाप।
गंगा माँ पर ज्यादती,
करते हम और आप।
करते हम और आप,
प्रदूषित भी तबियत से।
जबकि राष्ट्र का सत्व
बचा इसके ही सत से।।
डुबकी अपने जीवन में,
जो एक लगाता।
महादेव की शरण,
दिलातीं गंगा माता।।

10.मानव को गंगा मिलीं,
ईश्वर का वरदान।
इस अनुपम वरदान का,
हमने रखा न ध्यान।।
हमने रखा न ध्यान,
किया भरपूर प्रदूषण।
जबकि मातु गंगा हैं,
शिव-मस्तक का भूषण।।
गंगा दूषित करे ,
मनुज काया में दानव।
माँ की करे सम्हाल,
वही सच्चा सुत,मानव।।

1 Like · 131 Views

You may also like these posts

रामलला ! अभिनंदन है
रामलला ! अभिनंदन है
Ghanshyam Poddar
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
इंतज़ार के दिन लम्बे हैं मगर
Chitra Bisht
ज़िंदगी तेरा
ज़िंदगी तेरा
Dr fauzia Naseem shad
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
ग़ज़ल : कई क़िस्से अधूरे रह गए अपनी कहानी में
Nakul Kumar
"कैसा जमाना आया "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रवाह
प्रवाह
Lovi Mishra
**वो पागल  दीवाना हो गया**
**वो पागल दीवाना हो गया**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
Sentenced To A World Without You For All Time.
Sentenced To A World Without You For All Time.
Manisha Manjari
*बताओं जरा (मुक्तक)*
*बताओं जरा (मुक्तक)*
Rituraj shivem verma
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
शुहरत को पा गया वो, नम हो के जो चला है,
शुहरत को पा गया वो, नम हो के जो चला है,
Neelofar Khan
नारी का क्रोध
नारी का क्रोध
लक्ष्मी सिंह
" यादों की शमा"
Pushpraj Anant
इम्तिहान
इम्तिहान
AJAY AMITABH SUMAN
दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।।
दुनिया बड़ी, बेदर्द है, यह लिख गई, कलम।।
Kaushlendra Singh Lodhi Kaushal
शून्य
शून्य
उमेश बैरवा
प्रकृति की गोद
प्रकृति की गोद
उमा झा
मेघ, वर्षा और हरियाली
मेघ, वर्षा और हरियाली
Ritu Asooja
अच्छा लिखने की तमन्ना है
अच्छा लिखने की तमन्ना है
Sonam Puneet Dubey
शायरी
शायरी
गुमनाम 'बाबा'
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
दो दिन की जिंदगानी रे बन्दे
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
लाइब्रेरी की दीवारों में गूंजता जुनून,सपनों की उड़ान का है य
पूर्वार्थ
SP53 दौर गजब का
SP53 दौर गजब का
Manoj Shrivastava
2600.पूर्णिका
2600.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
मेला दिलों ❤️ का
मेला दिलों ❤️ का
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
अच्छी नहीं
अच्छी नहीं
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
रोबोट युगीन पीढ़ी
रोबोट युगीन पीढ़ी
SURYA PRAKASH SHARMA
சூழ்நிலை சிந்தனை
சூழ்நிலை சிந்தனை
Shyam Sundar Subramanian
प्रीत
प्रीत
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
मैंने सोचा भी कहां था
मैंने सोचा भी कहां था
हिमांशु Kulshrestha
Loading...