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21 Feb 2024 · 1 min read

तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला

तू तो सब समझता है ऐ मेरे मौला,
दिल नही मानता है ऐ मेरे मौला।

आती है याद दोस्ती हमे यूँ ही,
मन मेरा हारता है ऐ मेरे मौला।

गिर गया है वो मेरी नज़र मे कब का,
उससे क्यों वास्ता है ऐ मेरे मौला।

उसको उसकी तरह ही कोई मिले,
दिल यही चाहता है ऐ मेरे मौला।

प्यार ने कह दिया ज़माने से आज,
अब नही राबता है ऐ मेरे मौला।

शमा परवीन – बहराइच (उत्तर प्रदेश)

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