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30 Aug 2020 · 1 min read

कविता

मत पूछिए उनके
शहर से
हम क्या लाये हैं
एक दिल था
अपना वो
भी गवां आए हैं
कुछ बेरहम यादें हैं
कुछ खामोश
फरियादें है
और हाँ
चंद हसीन
ख्वाब हैं
जो
उनकी आँखों
से चुरा लाएं है
-अजय प्रसाद

Language: Hindi
3 Likes · 1 Comment · 355 Views
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