Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Feb 2024 · 1 min read

स्वच्छता

विष्णु सिद्धि स्वच्छ सदन,
निवावां जम्भ गुरु नै शीश।
काव्य कला गुरु जम्भ देवै,
गुरु जम्भेश्वर की बख्शीश।।

गुरु गणपति नै सिर निवावां,
करें वन्दन हम शारदा मात।
विघ्न हरण औ मंगल करण,
जम्भ गुरु आगे जोड़ूं हाथ।।

जिज्ञासा मुझे बहुत घणी है,
हरपल हरघड़ी गुरु में चित्त।
गुरु हरदम सन्मुख रहे मेरे,
मैं लिखता हूँ स्वच्छता वित्त।।

तन मन धौवो संयम होइयो,
स्वच्छता सबक हितकारी है।
सुन्दर वक्षस्थल भारत माता,
रखनी स्वच्छ धरा हमारी है॥

स्वस्थ रह सब जीवन जीवै,
स्वच्छता ध्यान धरै जे कोई।
जो स्वच्छता में सेवा करते,
तापे कृपा जम्भगुरु की होई॥

बीमार पड़े नहीं दुख भोगै,
स्वच्छता जिनके मन माहीं।
स्वयं स्वच्छ औरां नै कहिये,
स्वच्छता जम्भगुरु बतलाई॥

गाँधी गुरु का अनुशरण करै,
स्वच्छता है गांधी का सपना।
स्वच्छता में ही रहती ताजगी,
स्वच्छता को घर-घर रखना॥

‘पृथ्वीसिंह’ है स्वच्छता प्रिय,
स्वच्छता रहे प्रचण्ड कृपाला।
स्वच्छ रहे देश भारत विशाल,
स्वच्छता ईश करै प्रतिपाला॥

Language: Hindi
1 Like · 162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
View all

You may also like these posts

सिलसिले
सिलसिले
Dr. Kishan tandon kranti
चुप्पी!
चुप्पी!
कविता झा ‘गीत’
आगे बढ़ने का
आगे बढ़ने का
Dr fauzia Naseem shad
कहते हैं लगती नहीं,
कहते हैं लगती नहीं,
sushil sarna
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
रहे सीने से लिपटा शॉल पहरेदार बन उनके
Meenakshi Masoom
कलरव की कथा
कलरव की कथा
Suryakant Dwivedi
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
बाबा चतुर हैं बच बच जाते
Dhirendra Singh
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
3835.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
पिता जी
पिता जी
डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
एक दिन मजदूरी को, देते हो खैरात।
Manoj Mahato
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
ग़ज़ल (चलो आ गयी हूँ मैं तुम को मनाने)
डॉक्टर रागिनी
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
गुरु महाराज के श्री चरणों में, कोटि कोटि प्रणाम है
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हिदायत
हिदायत
Dr. Rajeev Jain
''संगनी मैं तुम्हारी बन आई ''
''संगनी मैं तुम्हारी बन आई ''
शिव प्रताप लोधी
हर घर तिरंगा
हर घर तिरंगा
Dr Archana Gupta
fake faminism
fake faminism
पूर्वार्थ
सोचे सारे ख्वाब
सोचे सारे ख्वाब
RAMESH SHARMA
पद्म
पद्म
Uttirna Dhar
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
मन को सम्भाले मन का कोई चेहरा नहीं है, आत्मा का भी कोई चेहरा
Shashi kala vyas
"यह सही नहीं है"
Ajit Kumar "Karn"
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
****जिओंदा रहे गुरदीप साड़ा ताया *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
..
..
*प्रणय प्रभात*
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
लगता नहीं है इस जहां में अब दिल मेरा ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
अब मै ख़ुद से खफा रहने लगा हूँ
Bhupendra Rawat
रंग तिरंगे के छाएं
रंग तिरंगे के छाएं
श्रीकृष्ण शुक्ल
"वक्त" भी बड़े ही कमाल
नेताम आर सी
आदत सी पड़ गयी है
आदत सी पड़ गयी है
अमित कुमार
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा "राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2024" से सम्मानित हुए रूपेश
रुपेश कुमार
कर्मों का है योग हो रहा,
कर्मों का है योग हो रहा,
श्याम सांवरा
*खुद की खोज*
*खुद की खोज*
Shashank Mishra
Loading...