मत्तगयंत सवैया (हास्य रस)
जब लोग उन्हें मार नहीं पाते हैं
" नई चढ़ाई चढ़ना है "
भगवती प्रसाद व्यास " नीरद "
हर मोड़ पर कोई न कोई मिलता रहा है मुझे,
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिस व्यक्ति ने कभी गलती नहीं की उसने जीवन में कभी कुछ नया कर
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- रिश्ते व रिश्तेदारों से हारा हु -
#हिरदेपीर भीनी-भीनी
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
जीवन : एक अद्वितीय यात्रा
कितना रोके मगर मुश्किल से निकल जाती है
*उच्चारण सीखा हमने, पांडेय देवकी नंदन से (हिंदी गजल)*