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10 Feb 2024 · 1 min read

प्रश्नचिन्ह…

राम तेरे भी हैं राम मेरे भी हैं
राम तो इस देव भूमि के जन जन में हैं
क्यूं लगाते हो प्रश्नचिन्ह अस्तित्व पर इनके
राम तो इस जगत के कण कण में है

देखता हूं जहां भी मैं घुमा कर नजर
चहुँ ओर मुझको तो राम आएं नजर
तुम तो कहते थे प्रभु तो हुए ही नहीं
दसों दिशाओं में मुझको तो आएं नजर

इति।

इंजी संजय श्रीवास्तव
बालाघाट मध्यप्रदेश
9425822488

Language: Hindi
1 Like · 95 Views
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