Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2024 · 1 min read

टूटा हुआ ख़्वाब हूॅ॑ मैं

डूबता सूरज हूॅ॑ या कोई टूटा हुआ ख्वाब हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला जलता हुआ चिराग हूॅ॑ मैं
महफिलों में हॅ॑सता रहा धड़कनों में बसता रहा
लबलबाते जाम से यूॅ॑ छलकी हुई शराब हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला……………
जिंदगी कोई गीत है मगर सुर है ना संगीत है
श्याम की तनहाई में एक तड़पता राग हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला…………..
सांसों की खबर नहीं है मौत का भी डर नहीं है
जिंदगी को जला डाला वो दहकती आग हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला………….
फितरत नहीं मायूस होना ना आंसुओं में डूबना
गम मिला या दर्दे-दिल गुंजती यूॅ॑ आवाज हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला…………
खुद को जब खामोश पाया तब मुझे ये होश आया
उसने लगाया दाग लेकिन आज भी बेदाग हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला…………
‘V9द’ कहता है ये सदा सुनो जिंदगी है फलसफा
अंत होना है सुनिश्चित लेकिन नया आगाज़ हूॅ॑ मैं
बंद कमरे में अकेला…………

2 Likes · 288 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from VINOD CHAUHAN
View all

You may also like these posts

समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
समय बदलता तो हैं,पर थोड़ी देर से.
Piyush Goel
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
ज़िंदगी हर पल गुज़र रही है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
इश्क़ रूहानी
इश्क़ रूहानी
हिमांशु Kulshrestha
क्या हो गया?
क्या हो गया?
Rambali Mishra
मध्यमवर्ग
मध्यमवर्ग
Uttirna Dhar
*चंदा दल को दीजिए, काला धन साभार (व्यंग्य कुंडलिया)*
*चंदा दल को दीजिए, काला धन साभार (व्यंग्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
सोचा एक अफ़साना लिख दूँ,
Nitesh Shah
कॉलेज वाला प्यार
कॉलेज वाला प्यार
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
जिसे हमने चाहा उसने चाहा किसी और को,
$úDhÁ MãÚ₹Yá
कागज़ ए जिंदगी
कागज़ ए जिंदगी
Neeraj Kumar Agarwal
सब टूट सा गया है..
सब टूट सा गया है..
Iamalpu9492
शिक्षक का सच्चा धर्म
शिक्षक का सच्चा धर्म
Dhananjay Kumar
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
मुश्किलों से तो बहुत डर लिए अब ये भी करें,,,,
Shweta Soni
धर्म निरपेक्ष रफी
धर्म निरपेक्ष रफी
ओनिका सेतिया 'अनु '
दवाखाना  से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
दवाखाना से अब कुछ भी नहीं होता मालिक....
सिद्धार्थ गोरखपुरी
- बारिश के आने से -
- बारिश के आने से -
bharat gehlot
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
मुझे साहित्य का ज्यादा ज्ञान नहीं है। न ही साहित्य मेरा विषय
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
श्री गणेशा
श्री गणेशा
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
शर्मिंदा है जन-गण-मन।
शर्मिंदा है जन-गण-मन।
*प्रणय प्रभात*
आत्महत्या
आत्महत्या
अंकित आजाद गुप्ता
भरोसा
भरोसा
Mansi Kadam
...........
...........
शेखर सिंह
मी ठू ( मैं हूँ ना )
मी ठू ( मैं हूँ ना )
Mahender Singh
जिन रिश्तों के खातिर हमने जीवन अर्पण कर डाला,
जिन रिश्तों के खातिर हमने जीवन अर्पण कर डाला,
jyoti jwala
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
तेरी सूरत में मोहब्बत की झलक है ऐसी ,
Phool gufran
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
* पिता पुत्र का अनोखा रिश्ता*
पूर्वार्थ
Republic Day
Republic Day
Tushar Jagawat
तू अब खुद से प्यार कर
तू अब खुद से प्यार कर
gurudeenverma198
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
उसके नाम के 4 हर्फ़ मेरे नाम में भी आती है
Madhuyanka Raj
आवाज़
आवाज़
Adha Deshwal
Loading...