पकोड़े नालों की गेस से तलने की क्या जरूरत…? ये काम तो इन दिनो
तुम्हारे इंतिज़ार में ........
"जब तक सच में नहीं आती ll
आओ नववर्ष के पावन पर्व की प्रीती मनाएं
सफ़र में आशियाना चाहता है
गीत
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
सारंग-कुंडलियाँ की समीक्षा
*राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट,*
#कथावार्ता
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
“क्योंकि हरेक पति की एक कहानी है ,
हमें पदार्थ से ऊर्जा और ऊर्जा से शुद्ध चेतना तक का सफर करना
कुछ ख्वाहिश रही नहीं दिल में ,,,,
नयन प्रेम के बीज हैं,नयन प्रेम -विस्तार ।
*करो योग-व्यायाम, दाल-रोटी नित खाओ (कुंडलिया)*
जो समझ में आ सके ना, वो फसाना ए जहाँ हूँ