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19 Feb 2024 · 1 min read

मतवाला

प्यास ना मेरी बुझेगी इससे
दूर हटा लो अपना प्याला
खुशियों का मधु तुम्हें मुबारक
हम तो पीते दर्द की हाला

इस दुनिया में नहीं दोस्तों
मिलता सबको हंसने का हक
क्यों भिक्षा उल्लास की मांगे
हम तो बस पीड़ा के ग्राहक
अमिय छोड़ हम पिये हलाहल
लोग कहे हमको मतवाला

नेह सभी से करते निश्छल
हम प्रतिदान मांगते कब हैं
अपमानित ना होय मनुजता
हम सम्मान मांगते कब हैं
हर प्राणी के अंदर देखा
हमने शंकर और शिवाला

Language: Hindi
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