Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Feb 2024 · 1 min read

2973.*पूर्णिका*

2973.*पूर्णिका*
🌷 पास रह कर हमसे दूरी कैसी 🌷
2122 22 22 22
पास रह कर हमसे दूरी कैसी।
साथ चलना है मजबूरी कैसी।।
झांक लेते अपनी दुनिया दिल से।
प्यार में सनम जी हुजूरी कैसी ।।
रख यकीं खुद पर मंजिल है अपनी।
नूर रखते ये बेनूरी कैसी।।
रंग बदले लोग जहाँ देखो तुम ।
कैनवास उदास अधूरी कैसी।।
हसरतें पाले खेदू चलते है।
जानते सब होगी पूरी कैसी।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती”सत्येश”
02-02-2024शुक्रवार

214 Views

You may also like these posts

*गैरों सी! रह गई है यादें*
*गैरों सी! रह गई है यादें*
Harminder Kaur
मैं अलग हूँ
मैं अलग हूँ
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
पंछी
पंछी
Saraswati Bajpai
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
शायद मेरी क़िस्मत में ही लिक्खा था ठोकर खाना
Shweta Soni
मुक्तक
मुक्तक
प्रीतम श्रावस्तवी
इस तरफ न अभी देख मुझे
इस तरफ न अभी देख मुझे
Indu Singh
राधा
राधा
Rambali Mishra
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
जय श्रीराम हो-जय श्रीराम हो।
manjula chauhan
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
आज वो दौर है जब जिम करने वाला व्यक्ति महंगी कारें खरीद रहा ह
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
जय श्री राम
जय श्री राम
goutam shaw
दोहा त्रयी. . .
दोहा त्रयी. . .
sushil sarna
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
तन मन में प्रभु करें उजाला दीप जले खुशहाली हो।
सत्य कुमार प्रेमी
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
मैं कैसे कह दूँ कि खतावर नहीं हो तुम
VINOD CHAUHAN
काश की तुम मुझे पहचान पाते,
काश की तुम मुझे पहचान पाते,
श्याम सांवरा
"सुप्रभात"
Yogendra Chaturwedi
कामना-ऐ-इश्क़...!!
कामना-ऐ-इश्क़...!!
Ravi Betulwala
प्रीत लगाकर कर दी एक छोटी सी नादानी...
प्रीत लगाकर कर दी एक छोटी सी नादानी...
Jyoti Khari
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
*जीवन-आनंद इसी में है, तन से न कभी लाचारी हो (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
दोहा ग़ज़ल (गीतिका)
Subhash Singhai
श्मशान
श्मशान
श्रीहर्ष आचार्य
सर्दी
सर्दी
OM PRAKASH MEENA
तू ही याद आया है।
तू ही याद आया है।
Taj Mohammad
सजल
सजल
seema sharma
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
■ अपना दर्द, दवा भी अपनी।।
*प्रणय*
स्त्री की दुविधा
स्त्री की दुविधा
Shakuntla Shaku
दो अक्टूबर - दो देश के लाल
दो अक्टूबर - दो देश के लाल
Rj Anand Prajapati
3797.💐 *पूर्णिका* 💐
3797.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
होठों की हँसी देख ली,
होठों की हँसी देख ली,
TAMANNA BILASPURI
गौमाता मेरी माता
गौमाता मेरी माता
Sudhir srivastava
ऊटपटाँग
ऊटपटाँग
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
Loading...